भारत दूध उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर है भारत अपने इसी स्थान को बरक़रार रखने हेतु केंद्र ही नहीं बल्कि राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। ऐसे ही योजनाओं में से एक योजना है दूध गंगा योजना। Doodh Ganga Yojana को हिमांचल प्रदेश द्वारा दूध के उत्पादन को बढ़ाने देने हेतु संचालित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी लघु और सीमांत किसानों को दूध गंगा योजना के तहत आवेदन करने पर 3 लाख रुपए तक की सब्सिडी युक्त लोन प्रदान किया जायेगा।
दोस्तों, आज इस आर्टिकल में हम आपको Doodh Ganga Yojana 2023 के बारे में सभी जानकारी प्रदान करेंगे। जैसे कि दूध गंगा योजना क्या है ?, इसके लाभ, उद्देश्य, विशेषताएं, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया आदि। यदि आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते है तो आपको इसमें आवेदन करना होगा। दोस्तों इस में हम आपको दूध गंगा योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया और योजना की सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
Doodh Ganga Yojana 2023 क्या है
डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन के तहत 30 लाख रूपए का लोन डेयरी फार्म खोलने के लिए प्रदान किया जायेगा। केंद्र तथा राज्य सरकार किसानो के रोजगार से सम्बंधित कई प्रकार की योजनाएं लाती है जिसके तहत वे अपना स्वरोजगार खोल सके इसमें कई तरह के आर्थिक सहायता तथा कम ब्याज दर में लोन दिए जाये है। सरकारों द्वारा पशुपालन, खेती-किसान, बागवानी तथा कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए किसानों,पशुपालको, युवाओं तथा महिलाओं को स्वरोजगार के साधन दे कर प्रोत्साहित कर रही है। हिमांचल सरकार द्वारा डेयरी फार्मिंग बिजनेस लोन का प्रारम्भ किया गया है। इसके तहत वहां की सरकार किसानो को 30 लाख तक का लोन देगी इस योजना के अंतर्गत बैंक और नाबार्ड आपको यह लोन राशि प्रदान करने में मदद कर रहे हैं। जब आप यह लोन समय पर पूरा चुकाते हैं तो आपको इसमें बहुत ही अच्छी सब्सिडी भी प्राप्त होती है जिससे आपका लोन ब्याज मुक्त हो जाएगा।
Doodh Ganga Yojana Highlights
योजना का नाम | दूध गंगा योजना |
सम्बंधित राज्य | हिमांचल प्रदेश |
योजना का उद्देश्य | राज्य में दूध उत्पादन को बढावा देना |
योजना की शुरुआत वर्ष | 2010 |
योजना लाभार्थी | हिमांचल प्रदेश के किसान |
Doodh Ganga Yojana के तहत लोन | 30 लाख रुपये |
वेबसाइट | hpagrisnet.gov.in |
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Doodh Ganga Yojana का उद्देश्य
Doodh Ganga Yojana का उद्देश्य यह है कि सरकार द्वारा इस योजना में 10,000 स्वयं सहायता समूह को जोड़ा जायेगा इन समूह के द्वारा 50,000 से अधिक ग्रामीण परिवारों को आत्म निर्भर बनाया जायेगा तथा उनको आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जायेगा।
दूध गंगा योजना के लाभ। Benefits of Doodh Ganga Scheme
दूध गंगा योजना के माध्यम से राज्य के नागरिकों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे –
हिमांचल प्रदेश Doodh Ganga Yojana के लाभार्थी किसानों को ₹30,00000 तक का ऋण हिमांचल सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा।
इस योजना का लाभ राज्य के नागरिक,गैर सरकारी संगठन,स्वयं सहायता समूह, दुग्ध संगठन, दुग्ध सहकारी सभाएं, तथा कम्पनियां इत्यादि लाभ उठा सकती है।
दुग्ध गंगा परियोजना को नाबार्ड के राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा राज्य सहकारी बैंकों के माध्यम से पशुपालन विभाग के सहयोग से राज्य में चलाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की इस कल्याणकारी योजना के माध्यम से राज्य में दूध के उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी।
हिमांचल राज्य के ऐसे सभी व्यक्ति जो अच्छी किस्म की गाय और भैंस खरीदना चाहते हैं वह इस योजना के माध्यम से आसानी से खरीद सकेंगे।
इस योजना से राज्य के छोटे सीमांत किसान अपना लघु डेरी उद्योग को बड़े स्तर पर ले जा सकेंगे।
Doodh Ganga Yojana के माध्यम से मिलने वाला लोन
इस योजना के माध्यम से सामान्य वर्ग को 25% तथा अनुसूचित जाति ,जनजाति के पशु[पलकों को 33.33 % अनुदान प्रदान किया जायेगा।
परियोजना | ऋण |
2 से 10 दुधारू पशुओं के लिए ऋण | 05.00 लाख रुपए |
5 से 20 के बछडियो पालन हेतू ऋण | 4.80 लाख |
वर्मी कम्पोस्ट (दुधारू गायों के इकाई के साथ जुड़ा होगा) | 20 लाख |
दूध दोहने की मशीन/मिल्कोटैस्टर/ बड़े दूध कूलर इकाई (2000 लीटर तक) | 18.00 लाख |
दूध से देसी उत्पाद बनाने की इकाइयाँ | 12.00 लाख |
दूध उत्पादों की ढुलाई तथा कोल्ड चैन सुविधा हेतु ऋण | 24.00 लाख |
दूध व् दूध उत्पादों के शीत भण्डारण हेतू | 30.00 लाख |
निजी पशु चिकित्सा इकाइयों के लिए ऋण
(क) मोबाइल इकाई (ख) स्थाई इकाई |
—
2.40 लाख 1.80 लाख |
दूध उत्पाद बेचने हेतू बूथ स्थापना | 56 लाख |
Doodh Ganga Yojana के आवश्यक दस्तावेज
आधार कार्ड
पैन कार्ड
मोबाइल नंबर
ईमेल आईडी
जाति प्रमाण पत्र
पासपोर्ट साइज फोटो
मूल निवास प्रमाण पत्र
बैंक अकाउंट की डिटेल्स
स्कैन किया गया सिग्नेचर
दूध गंगा योजना के लिए पात्रता। Eligibility
- आवेदन हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- इस योजना के अंतर्गत दुग्ध सहकारी सभाएं, गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह, दुग्ध संगठन तथा कंपनियां आदि इस योजना का लाभ उठा सकती है।
- इस योजना के तहत एक ही परिवार के लोग अलग-अलग इकाईयां लेकर अलग-अलग जगह पर इकाईया स्थापित कर सकते है तथा इकाईयों की बीच की दूरी 500 मीटर से दूर होनी चाहिए।
दूध गंगा योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?
- इस योजना में अप्लाई करने के लिए आपको सबसे पहले हिमाचल प्रदेश की डिपार्टमेंट ऑफ़ एनिमल हसबेंडरी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जा कर क्लिक करना है।
- आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल कर आएगा उस पर क्लिक करें।
- होमपेज पर आपको doodh गंगा योजना के बारे में जानकारी दी होगी।
- इसको अप्लाई करके योजना का लाभ उठा सकते है।
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FAQs : Doodh Ganga Yojana। दूध गंगा योजना
1. Doodh Ganga Yojana की शुरुआत कब हुयी ?
A – Doodh Ganga Yojana की शुरुआत साल 2010 में की गयी।
2. दूध गंगा स्कीम को किसके द्वारा शुरू किया गया है ?
A- हिमांचल प्रदेश सरकार द्वारा Doodh Ganga Yojana को राज्य के पशुपालकों के लिए शुरू किया गया है।
3. हिमांचल प्रदेश द्वारा Doodh Ganga Yojana में 2 से 10 दुधारू पशुओं के लिए कितना ऋण दिया जाता है ?
A- 2 से 10 दुधारू पशुओं के लिए 5 लाख रुपए का ऋण इस योजना के तहत प्रदान किये जायेंगे।